डीसीजीआई ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध ई फार्मसीज को शोकाज नोटिस किया जारी…..

जशपूर✍️जितेन्द्र गुप्ता

डीसीजीआई ने इंटरनेट पर दवाइयां बेचने वाली अवैध ई फार्मसीज को शोकाज नोटिस किया जारी

पत्थलगांव-जशपुर जिला औषधि विक्रेता संघ के अध्यक्ष विकास गोयल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए जानकारी दी है कि एआईओसीडी केंद्र सरकार को लगातार आगाह कर रहा था कि भारत के ड्रग अधिनियम फार्मसीअधिनियम और अन्य दवाओं से संबंधित नियम आदेश,आचार संहिता, जनता के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक इंटरनेट पर दवाओं की बिक्री की अनुमति नहीं देते है और छूट और योजनाओं के साथ विज्ञापन द्वारा दवा बिक्री को बढ़ावा देने की अनुमति नहीं देते हैं।

दिल्ली के माननीय उच्च न्यायालय के आदेश,सभी वैध अपीलों,अनुरोधों,बैठकों के बावजूद कॉर्पोरेट घराने अवैध रूप से वित्तीय शक्ति के साथ पीड़ीटरी या गैर प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य के साथ दवा व्यवसाय में लिप्त थे ।इससे भी खतरनाक यह था कि जब से ई. फार्मसियों ने देश में राज्यों के सीमा पार से दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का संचालन शुरू किया है, नकली दवाओं में अचानक वृद्धि शुरू हो गई है।

दवा व्यापारियों की पारंपरिक आपूर्ति श्रृंखला यानी कंपनी CNF डिपो को खुदरा फार्मेसी के लिए अधिकृत करने के लिए कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा तोड़ दिया गया था और आपूर्ति चैनल में डुप्लिकेट दवाओं को धकेलने के लिए आपूर्ति पाइप लाइन को खोखला बना दिया था।दूसरा ऑनलाइन ऐप नारकोटिक ड्रग्स, प्रेग्नेंसी टर्मिनेशन किट, एंटीबायोटिक्स, सेडेटिव ड्रग्स तकआसान पहुंच बन गया और मरीजों को सीधे इसको अंतरराज्यीय आपूर्ति, राज्य एफडीए द्वारा ट्रेस और ट्रैक करना बहुत मुश्किल हो गया।

AIOCD ने हमेशा हाइलाइट किया है.यें सभी बहुत ज्वलंत मुद्दे हैं कि ये अवैध ई.फार्मसीअपने पोर्टल पर अपना स्वास्थ्य डेटा बना रहे हैं जो यह सब जनता के व्यक्तिगत स्वास्थ्य डेटा को उजागर करने के लिए एक खतरा भी था यह प्रधानमंत्री की एनएचआरएम स्वास्थ्य डेटा नीति के खिलाफ भी है।

एआईओसीडी के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री,भारत सरकार माननीय श्री मनसुख जी मंडाविया से मुलाकात की।एआईओसीडी अध्यक्ष श्री जे एस शिंदे ने कॉर्पोरेट घरानों समर्थित खुदरा श्रृंखलाओं और ई फार्मेसी की अवैधता के संदर्भ में बहुत दृढ़ता से दवा व्यापार समस्याओं और चिंताओं की ओर इशारा किया।AIOCD में 12 लाख से अधिक सदस्य हैं, उनके ऊपर आश्रित परिवार और कर्मचारी आदि की कुल आबादी लगभग 4 करोड़ से अधिक हैं इनका इन सभी बड़े बड़े कारपोरेट के गैर प्रतिस्पर्धात्मक या प्रीडिटरी मूल्य निर्धारण और अवैध ई-फार्मसियों के कारण के लिए व्यवसाय में बने रहना मुश्किल कार्य होगा ।

माननीय मंत्री जी ने व्यापार की विभिन्न समस्याओं और चिंताओं की गंभीरता को ध्यान से सुना और समझा तथा अवैध रूप से दवा बेचने वाली संस्थाओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।

डीसीजीआई ने उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुसार अवैध ऑनलाइन फ़ार्मेसी को शोकाज नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है एआईओसीडी इस फैसले का स्वागत करता है और कॉर्पोरेट घरानों द्वारा समर्थित ई.फार्मसियों द्वारा छोटे दवा व्यवसायियों के मालिकों के अस्तित्व के लिए खतरा पैदा करने वाली मूल्य निर्धारणनीति के खिलाफ उपयुक्त कार्यवाही की उम्मीद करता है।