लोकवाणी की 27वीं कड़ी का प्रसारण, स्व-सहायता समूह की महिलाएं, मनरेगा में कार्यरत मजदूर, कन्या छात्रावास की बालिकाएं सहित ग्रामीणों ने बड़ी ही उत्साहपूर्वक सुना…..

लोकवाणी की 27वीं कड़ी का प्रसारण,
स्व-सहायता समूह की महिलाएं, मनरेगा में कार्यरत मजदूर, कन्या छात्रावास की बालिकाएं सहित ग्रामीणों ने बड़ी ही उत्साहपूर्वक सुना,
छत्तीसगढ़ की महिलाएं और बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढ़ने से अब कोई रोक नहीं सकता :- मुख्यमंत्री

बलरामपुर :- अब्दुल रशीद

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27वीं कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार‘ विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि महिलाओं के मान सम्मान से ही हमारी सभ्यता और संस्कृति की पहचान होती है। इसे हम सभी को गहराई से समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है। छत्तीसगढ़ में महिलाओं को भरपूर सम्मान दिया जा रहा है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं और बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी है, जिसे आगे बढ़ने से अब कोई रोक नहीं सकता। मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी को बलरामपुर-रामुानुजगंज जिले के जिला मुख्यालय, विकासखण्ड स्तर, नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत स्तर पर आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिलाएं, मनरेगा में कार्यरत मजदूर, कन्या छात्रावास की बालिकाएं सहित ग्रामीणों ने बड़ी ही उत्साहपूर्वक सुना।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि छत्तीसगढ़ में बेटियां शिक्षा से लेकर स्वावलंबन तक किस तरह से सरकार की योजनाओं से जुड़ना चाहती हैं, यह बिल्कुल निजी तौर पर समझने का विषय है। सभी की आवश्यकताएं अपने परिवार की परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। यदि कोई बेटी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़कर स्वरोजगार करना चाहे तो बिहान योजना है, जिसमें अभी तक 2 लाख 6 हजार 362 समूहों के माध्यम से 22 लाख 14 हजार 426 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भी महिला स्व-सहायता समूहों के गठन के माध्यम से रोजगारमूलक गतिविधियों के लिए मदद की जाती है। हमारी नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में महिला स्व-सहायता समूहों, कृषि उत्पादक समूहों को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन हेतु विशेष रूप से पात्रता दी गई है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 10 जिलों में 540 उत्पादक समूहों का गठन किया है, जिसमें 18 हजार 598 महिला किसानों को जोड़ा गया है। प्रदेश में तीन वर्षों में 478 खाद्य प्रसंस्करण ईकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें 1 हजार 167 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है तथा इनमें 6 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के लिए 52 इकाईयों की स्थापना की जा चुकी है। हमने समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 कर दिया है। छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के माध्यम से 121 उत्पादों का प्रसंस्करण और विक्रय हो रहा है। स्व-सहायता समूहों द्वारा भी वनोपजों की प्रोसेसिंग के माध्यम से 200 उत्पादों का विपणन किया जा रहा है। इन सब कार्यों में महिलाओं की बहुत बड़ी भागीदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटियों के लिए किसी भी चुनौती का सामना करना कोई बड़ी बात नहीं है। वे अपनी परिस्थिति के अनुसार पहला कदम बढ़ा सकती है और आगे चलकर मनचाही उपलब्धि भी हासिल कर सकती है। हमारी बस्तर की बेटी देश और दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी को फतह कर सकती है। हमारी बेटियां विभिन्न खेलों में अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में शामिल हुई हैं। हमारी बेटियों ने अपनी टीमों में कप्तानी का अवसर भी पाया है। हमारी बेटियां आईएएस, आईपीएस जैसी बड़ी परीक्षाओं में पास होकर प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

जिला प्रतिनिधि बलरामपुर