विधिक जागरूकता शिविर मे टोनही प्रताड़ना, शिक्षा ,बाल विवाह, दहेज प्रथा, मोटर व्हीकल एक्ट पर विस्तार से जानकारी दी –श्रीमती रेशमा बैरागी

विधिक जागरूकता शिविर मे टोनही प्रताड़ना, शिक्षा ,बाल विवाह, दहेज प्रथा, मोटर व्हीकल एक्ट पर विस्तार से जानकारी दी –श्रीमती रेशमा बैरागी

बलरामपुर :- अब्दुल रशीद

जिला न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष, बलरामपुर -रामानुजगंज सिराजुद्दीन कुरैशी के निर्देशन में श्रीमती रेशमा बैरागी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रामानुजगंज के द्वारा स्वामी आत्मानंद स्कूल बलरामपुर में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त विधिक जागरूकता शिविर में उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि साक्षरता प्रत्येक मनुष्य के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह नौकरी हो या जीवन यापन करना हर जगह शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका है। एक अशिक्षित व्यक्ति का जीवन काफी कठिन होता है, क्योंकि वह व्यक्ति पढ़ लिख नहीं सकता, वह किताबों में संचित ज्ञान के भंडार से अछूता रह जाता है। ऐसे व्यक्ति को अपने अधिकारों का ज्ञान नहीं होता है और वह तमाम कार्यों के लिए दूसरों पर निर्भर रहता है। साक्षरता का तात्पर्य पढ़ लिख सकने की क्षगता से है। दूसरे शब्दों में जिस व्यक्ति को अक्षरों का ज्ञान है तथा वह पढ़ने लिखने में सक्षम है, वह साक्षर है एवं जो व्यक्ति पढ़ने लिखने में सक्षम नहीं होते, ये निरक्षर हैं। साक्षरता से ही मानव अपना, अपने परिवार अपने समाज एवं देश का विकास कर सकता है एवं निरक्षर व्यक्ति स्वयं का भला भी नहीं कर सकता। ऐसे स्थिति में वह समाज और राष्ट्र का किस काम आयेगा आप सभी छात्र-छात्राएं अपने जीवन के लक्ष्य का निर्धारण कर अपनी पूरी मेहनत से उसे प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी उर्जा डाल दें।

सचिव श्रीमती रेशमा बैरागी ने कहा कि टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम आज देश की 70 प्रतिशत आबादी गांव में निवास करती है लेकिन विडंबना है कि आज ग्रामीण क्षेत्र के लोग कुप्रथाओं, रूढ़ियों और रिवाजों से बंधे हुए हैं। इस देश में झाड़-फूक, जादू-टोना करने वाले महिलाओं को टोनही के नाम से जाना जाता है यहां के लोगों का मानना है कि टोनही जादू टोना करके व्यक्तियों का अशुभ या नुकसान करते हैं जिस कारण यहां समाज के लोग हेय दृष्टि से देखते हैं। वर्तमान आधुनिक समय में इस तरह की धारणा मात्र एक अंधविश्वास मात्र ही है इसलिए समाज को इस अंधविश्वास से उपर उठने की जरूरत है इस अधिनियम के अंतर्गत किसी व्यक्ति को टोनही कहने पर 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं जुर्माना एवं शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडित करने या नुकसान पहुंचाने पर 5 वर्ष का कठोर कारावास व जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह के बारे में बताते हुए कहा कि कानून के अनुसार विवाह योग्य आयु पुरुष एवं महिला के लिए 21 वर्ष तय की गई है किंतु यदि किसी पुरुष अथवा महिला का विवाह 21 वर्ष के पूर्व होता है तो वह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है जो लड़कियां कम उम्र में विवाहित हो जाती हैं उन्हें अक्सर गर्भधारण से जुड़ी स्वास्थय समस्याऐं होने की प्रबल संभावना होती है जब वे शारीरिक रूप से परिपक्व न हो, उस स्थिति में कम उम्र में लड़कियों का विवाह कराने से मातृत्व संबंधी एवं शिशु मृत्यु की संभावनाएं अधिकतम हो जाती है मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में बताते हुए कहा कि नया मोटर व्हीकल एक्ट के तहत प्रत्येक व्यक्ति को ट्रैफिक नियम को जानना अत्यंत आवश्यक है जिसमें से कुछ महत्वपूर्ण नियम निम्नानुसार है- बगैर लाइसेंस के वाहन नहीं चलाना चाहिए इस पर 5000 रुपये तक का जुर्माना का प्रावधान है। अयोग्य होने पर वाहन नहीं चलाना चाहिए. ओवरस्पीड में वाहन नहीं चलाना चाहिए इसके अंतर्गत 1000 से 2000 तक के जुर्माने का प्रावधान है। शराब पीकर वाहन नहीं चलाना चाहिए. क्षमता से अधिक यात्री नही बैठाना चाहिए सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाना चाहिए. दो पहिया वाहन पर दो से अधिक लोगों को नहीं बिठाना चाहिए एंबुलेंस आदि को रास्ता देना चाहिए. बगैर हेलमेट वाहन नहीं चलाना चाहिए. ट्रैफिक नियमों का पालन करना चाहिए। अंत में सचिव महोदया के द्वारा जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियिग बाल शिक्षा, उपभोगता संरक्षण अधिनियम 2019, पॉक्सो एक्ट, नेशनल लोक अदालत, मध्यस्थता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया साथ ही उपरोक्त संबंध में पाम्पलेट भी वितरण किया गया। उक्त शिविर में विद्यालय के प्राचार्य, शिक्षक-शिक्षिकाऐं छात्र-छात्राएँ एवं इस प्राधिकरण के पीएलव्ही तौसिफ रजा उपस्थित थे।

जिला प्रतिनिधि बलरामपुर