सुखरापारा राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में स्थित करोड़ो रुपये से बन रहे भूपेश बघेल के सपनो के एकलव्य आवसीय विद्यालय में कार्य की गुणवत्ता पर लग रहे सवालिया निशान….

पत्थलगांव✍️ जितेन्द्र गुप्ता

सुखरापारा राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में स्थित करोड़ो रुपये से बन रहे भूपेश बघेल के सपनो के एकलव्य आवसीय विद्यालय में कार्य की गुणवत्ता पर लग रहे सवालिया निशान

प्रदेश सचिव यूथ कांग्रेस मोहिनीस साहू ने घटिया गुणवत्ता हीन निर्माण की जांच के लिए उठाई आवाज

सुखरापारा के राष्ट्रीय राजमार्ग 43 में बन रहे करीब 20 करोड़ रुपये के एकलव्य आवसीय विद्यालय में कार्य की गुणवत्ता पर लग रहे सवालिया निशान छत्तीसगढ़ राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना जिसमे आदिवासी क्षेत्र को बड़ी सौगात देकर शिक्षा को अग्रणी रखने का प्रयास जिसे सभी वर्ग के लोग प्रंशसा कर रहे है। किंतु इन सब बातों को ठेंगा दिखाते हुए सुखरापारा के एकलव्य आवसीय विद्यालय में ठेकेदार के द्वारा किये जा रहे घटिया निर्माण कार्य से एकलव्य आवासीय विद्यालय के भवन के सुनहरे भविष्य पर ग्रहण लगा रहे हैं। स्कूल परिसर में लाल ईट देखने से ये पता चलता है कि किस तरह शासकीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए लाल ईट का भी प्रयोग किया जा रहा है। स्कूल परिसर में लाल ईट का होना ही निर्माण कार्य मे लाल ईट का प्रयोग किये जाने का पता चलता है। जबकि सरकारी कार्य मे लाल ईट का प्रयोग नही किये जाने का स्पस्ट सरकारी आदेश है। टूटू फूटे ईट जिस तरह बिखरे पड़े है। उससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है। कि भारी भरकम सरकारी भवन बनाने में ठेकेदार के द्वारा गुणवत्ता का ख्याल किस तरह रखा जा रहा है। स्कूल के पास ही गर्ल्स और बॉय्ज़ के लिए हॉस्टल भी बन रहा है। जहाँ स्पस्ट रूप से फ्लाईएश के ईट का प्रयोग हो रहा है। तो फिर एकलव्य स्कूल में लाल ईट क्यो जो अनेक सवाल को जन्म दे रहा है। आवासीय विद्यालय में लगे खिड़की में कमजोर और बेहद हल्की क्वालिटी का एंगल पट्टी प्रयोग किया जा रहा है जिससे जल्द ही स्कूल की खिड़कियों के टूटने का खतरा बना रहेगा। अब तक एकलब्य आवासीय विद्यालय के दो तल तक का लगभग कार्य प्रगति में है। पर भवन की गुणवत्ता देखने से समझना आसान होगा कि किस तरह ठेकेदार ने भवन में घटिया निर्माण कार्य कर गुणवत्ता का ध्यान नही रखा है। जिस तरह जीरा गिट्टी परिसर में देखा गया उससे ये भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसे 20,एमएम गिट्टी में मिक्स कर ढ़लाई एंव अन्य कार्यो में यूज किया जा रहा होगा ।


एकलव्य परिसर मैं योजना से संबंधित साइन बोर्ड ही गायब
सुखरापारा में बन रहे एकलव्य आवसीय विद्यालय में शासन के द्वारा दिये गए राशि के विवरण एवं अन्य अहम जानकारियां की साईं बोर्ड तक नही लगाई गई है। जबकि किये जा रहे कार्य की मुख्यतः कुल लागत एवं भवन निर्माण की पूर्णतः होने की जानकारी इंगित होना चाहिये। वही साइन बोर्ड पर निर्माण कार्य देखने वाले अधिकारियों के नंबर भी इंगित किए जाते हैं जिससे कोई भी नागरिक अधिकारियों से संपर्क कर गुणवत्ता के बारे में अपनी जानकारी हासिल कर सके।

एक अदद से टैंकर द्वारा करोड़ों के भवन की हो रही क्यूरिंग करोड़ों रुपए के बन रहे एकलव्य आवासीय भवन में पानी की कमी की वजह से भवन में क्यूरिंग का कार्य नहीं के बराबर किया जा रहा है। जहां क्यूरिंग के अभाव में भवन की मजबूती पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं। भवन में पानी के क्यूरिंग की कमी के कारण जगह-जगह दरार आ चुकी है जिसको ढकने के लिए ठेकेदार द्वारा पलस्तर का सहारा लिया जा रहा है।


प्रदेश सचिव यूथ कांग्रेस मोहिनीश साहू से जब सुखरापारा में बन रहे छत्तीसगढ़ शासन के महत्वपूर्ण योजना का एकलव्य आवासीय विद्यालय के संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि पत्थलगांव विधायक रामपुकार सिंह के शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने वाले एकलव्य आवासीय विद्यालय के सपनों पर एकलव्य आवासीय विद्यालय बनाने वाले ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता से समझौता करते हुए घटिया एवं निम्न स्तर का निर्माण किया जा रहा है वही कार्य स्थल पर किसी भी तरह की कार्य योजना के संबंध में बोर्ड तक नहीं लगाई गई है। जिससे किसी भी व्यक्ति को कार्य की लागत एवं कार्य के प्रकार एवं मौके पर उपस्थित अधिकारियों के नंबर मिल सके।ठेकेदार द्वारा अधिकारियों से मिलीभगत कर एकलव्य आवासीय विद्यालय की गुणवत्ता पर पूर्ण रूप से बट्टा लगाया जा रहा है। मोहनीश साहू ने जल्द ही आवासीय विद्यालय की गुणवत्ता की जांच करते हुए ठेकेदार के कार्यों की देखरेख करने वाले अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग करते हुए गुणवत्ताहीन कार्य को बंद कराने की मांग की है ताकि मुख्यमंत्री के सपनों के एकलव्य आवासीय परिसर पर धब्बा ना लगे।


एकलव्य आवासीय परिषद निर्माण स्थल साइट इंजीनियर रवि गुप्ता से जब हमारे संवाददाता ने बात की तो उन्होंने बताया कि मैंने अभी हाल में ही इस परिसर की देखरेख की जिम्मेदारी मिली है। एक दो दिन ही ज्वाइन किये हुवा है। मेरे द्वारा किसी भी प्रकार की गुणवत्ता में समझौता बर्दाश्त नहीं किया जावेगा अगर इस तरह से कोई भी कार्य किया गया है। तो उसको तत्काल ही फिर से बनाने निर्देशित किया जावेगा वहीं पूर्व में की गई कमियों पर समीक्षा की जावेगी वही इसकी समस्त जानकारी उच्चाधिकारियों को दी जावेगी