नवरात्र पर्व की हुई शुरुआत कछार शिव मन्दिर में धूमधाम से मनाया जाएगा आचार्य चन्द्रेस्वर मिश्रा ने बताया…..

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

नवरात्र पर्व की हुई शुरुआत कछार के शिव मन्दिर में पूजन बनारस से आये आचार्य चन्द्रेस्वर मिश्रा ने बताया कि पितरः प्रीतिमाप्नोति प्रसन्नो सर्व देवता के अनुसार पितरों का पूजन किया पितृ गण प्रसन्न रहते हैं। तो हमारा किया हुआ पूजन देवी देवता भी स्वीकार कर लेते हैं। इसलिए पितृ पक्ष में हम उनकी प्रसन्नता के लिए तर्पण पारवर्ण श्राद्ध करने के बाद पितृ विसर्जन अमावस्या को करने के बाद नवरात्रि पर्व में देवी की आराधना करते हैं। क्योंकि पितृ गण प्रसन्न न हो तो देवी देवता भी हमारी पूजा स्वीकार नहीं करते पितृ पक्ष के बाद माता रानी की पूजा क्यों शिव या विष्णु का क्यों नहीं हमारा सनातन धर्म और शास्त्र कहता है। कि मां से बढ़कर दयालु और कृपालु कोई नहीं है। बाबा के दरबार में मइया कहे सो होए और भी बहुत कुछ है। जैसे जन्म लेते मां की दर्शन पहला गुरु मां इत्यादि ए साक्षात माता है।
राशी के अनुसार इस नवरात्रि में लाल फूल, गुड, किसमिस अर्पित कर दुर्गा चालीसा, का पाठ करे मेष- हनुमान चालीसा पाठ करें बृषभ- बेली फुल, काजू, दही, चीनी अर्पित कर देवी सूक्तम का पाठ करें मिथुन – वेल्पत्र दावना माला, हरि इलायची फल अर्पित कर अर्गलास्तोत्र का पाठ करें कर्क- चमेली फूल दूध मिश्री अर्पित कर देवी कवच का पाठ करें सिंह – अनार फल फूल बदाम अर्पित कर सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें कन्या – मेहंदी पत्ता सफेद फूल फल अर्पित कर दुर्गा चालीसा पाठ करें तुला- दूध पेड़ा घी अर्पित कर अर्गलास्तोत्र का पाठ करें वृश्चिक – बदाम मूमफली लाल फूल शहद अर्पित कर देवी कवच का पाठ करें धनु- गेंदा फूल खड़ी हल्दी काजू अर्पित कर अर्गलास्तोत्र का पाठ करें मकर- नीला फुल लौंग नागकेसर अर्पित कर नवार्ण मंत्र का जाप करें कुंभ – लौंग नागकेसर चीकू बदाम अर्पित कर हनुमान चालीसा, दुर्गा चालीसा पाठ करें मीन- केला संतरा पीसता इलायची काजू आखरोट पीला फूल अर्पित कर अर्गलास्तोत्र लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें।

आपको बता दे कि कछार मन्दिर में ज्योति कलश की स्थापना सहित रोजाना रात्रि पूजन के बाद माता की रसोई का प्रसाद भक्तों को मिलता है। जिसे ग्रहण करने रोजाना दूर दराज गाँव से लोग कछार के शिव मंदिर पहुचते है।