आपकी सही विवेचना ही आरोपीयो को सजा दिलाने में कारगर होगा साबित……

 

* पास्को एक्ट की विवेचना में बरते सावधानी- जिला व सत्र न्यायाधीश सूरजपुर।

*पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आयोजित हुआ एक दिवसीय कार्यशाला।

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर।  महिला व बाल अपराध पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पुलिस कार्यालय के सभाकक्ष में रविवार, 18 सितम्बर को किया गया जिसका शुभारंभ जिला व सत्र न्यायाधीश  गोविन्द नारायण जांगड़े ने मॉ सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्जवलित कर किया। थानों में विभिन्न आपराधिक मामलों में किशोर न्याय अधिनियम से जुड़े प्रकरण की विवेचना काफी संवेदनशीलता एवं सावधानी से की जानी चाहिए। बाल मनोविज्ञान एवं जेजे एक्ट के प्रावधान का परिपालन सजगता किया जाना आवश्यक है। अपराधों की विवेचना में सावधानी बरते, घटना से जुड़े छोटे-छोटे साक्ष्यों को संकलित करें, आपकी सही विवेचना ही आरोपी को सजा दिलाने में कारगर साबित होगा। उक्त बातें माननीय जिला व सत्र न्यायाधीश गोविन्द नारायण जांगड़े कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि बच्चों व महिलाओं को सुरक्षा व सम्मान देने जेजे एक्ट बनाया गया है, बच्चों से जुड़े मामले काफी संवेदनशील होते है, ऐसे मामलों में एहतियात बरतते हुए विवेचना करने की बात कही।

पुलिस अधीक्षक  रामकृष्ण साहू ने कहा कि इस कार्यशाला से हमारे थाना-चौकी प्रभारी व विवेचकों को किशोर अपराध से जुड़े मामलों की पड़ताल में सहायता मिलेगी, विवेचक सजगता के साथ नियमानुसार विधि अनुरूप कार्यवाही कर सकेंगे।
कार्यशाला में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह चौहान ने महिला विरूद्ध अपराध के बारे में, अपर सत्र न्यायाधीश सुश्री रंजू राऊत राय ने पास्को एक्ट, अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार वर्मा ने एनडीपीएस एक्ट तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आनंद कुमार सिंह ने पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए विवेचकों को मार्गदर्शन दिया। उन्होंने विवेचकों को कहा कि विवेचना के दौरान गवाहों के कथन सहित अन्य दस्तावेजों में जांचकर्ता अधिकारी के हस्ताक्षर, स्पष्ट नाम, पद अनिवार्य रूप से अंकित की जावें। जीपी योगेन्द्र सिंह देव व एडीपीओ आर.के.चौरसिया ने चालान पेश करते समय बरती जाने वाली सावधानियों सहित कई अन्य जरूरी जानकारियों से अवगत कराया। एक दिवसीय कार्यशाला में थाना-चौकी प्रभारी व थाना में पदस्थ विवेचकों ने हिस्सा लिया जिन्होंने न्यायाधीश से विवेचना संबंधी अपने प्रश्नों को बताया और उसका उत्तर जाना।
इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह, सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु, एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी, एसडीओपी सूरजपुर गीता वाधवानी, डीएसपी मुख्यालय नंदिनी ठाकुर, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह, प्रशिक्षु डीएसपी दीपमाला कुर्रे, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस.सिंह, डॉ. दीपक जायसवाल, जिले के सभी थाना-चौकी प्रभारी, जिला पुलिस कार्यालय के अधिकारीगण मौजूद रहे।