साक्षरता एवं शिक्षा के क्षेत्र में सम्मान तथा सामूहिक संकल्प कार्यक्रम का आयोजन…..

 

शमरोज खान सूरजपुर

सूरजपुर/  जिले में साक्षरता कार्यक्रम के लिए वातावरण निर्माण हेतु 8 से 14 सितम्बर तक आयोजित साक्षरता सप्ताह का समापन समारोह का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में कलेक्टर सुश्री इफ्फत आरा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री लीना कोसम, गोठान समिति के सभापति एवं जिला पंचायत सदस्य बिहारी कुलदीप की उपस्थिति में किया गया। अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम माँ सरस्वती एवं छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।

सभा को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा शिक्षा का मूल उद्धेश्य एक बेहतर इंसान बनाना होता है, यह व्यक्ति के अंदर निहित शक्तियों से परिचय कराता है, हम पढ़-लिख कर हर क्षेत्र में ऊँचा स्थान प्राप्त कर सकते हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री लीना कोसम ने कहा साक्षर व्यक्ति खुद के बौद्धिक विकास के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक विकास में भी योगदान देता है, वह सभ्य समाज के निर्माण एवं समाज में फैली बुराईयों को दूर करने में अहम भूमिका निभाता है। गोठान समिति के सभापति एवं जिला पंचायत सदस्य बिहारी कुलदीप ने कहा की पहले मैं भी लोगों को साक्षर करने का कार्य किया हूँ, शिक्षा दान एक पुनित कार्य है। पढ़-लिखकर व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होता है। पढ़े-लिखे लोगों अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं, तथा शासन की योजनाओं का लाभ लेने में आगे रहते हैं। सभा को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी विनोद राय ने शिक्षा के महत्व के बारे में विस्तार से बताया, शिक्षित लोगों का सभी जगह अलग की पहचान होती है। जिला परियोजना अधिकारी साक्षरता रोहित कुमार सोनी ने साक्षरता सप्ताह अंतर्गत आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में एवं आगामी समय से प्रांरभ होने वाले नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। आभार प्रदर्शन डीएमसी शशिकांत सिंह द्वारा किया गया। समारोह में जिला अंतर्गत असाक्षरों को साक्षर करने वाले निःस्वार्थ स्वयंसेवी शिक्षकों तथा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को अतिथियों के द्वारा सम्मान एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में साक्षरता के प्रति सामूहिक संकल्प कराकर समापन किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एडीपीओ रविन्द्र सिंह, बीपीओ राकेश मोहन मिश्रा, रमेश जायसवाल, जयराम प्रसाद, रविनाथ तिवारी, दिनेश देवांगन, मो. महमूद, कार्यालयीन कर्मचारी विनेश यादव, पुनीता राजवाडे़, यशोदा सोनी, शोभनाथ राजवाडे़, लक्ष्मण इत्यादि का सक्रिय योगदान रहा