नगरपंचायत की ब्यवसायिक दुकान नीलामी प्रकिया के भारी विवादों के बावजूद भी आखिरकार परिषद की बैठक में दुकानदार को चाबी देने की दी सहमति पार्षदों ने जताया एतराज ….

पत्थलगांव ✍️जितेन्द्र गुप्ता

पत्थलगांव नगरपंचायत की ब्यवसायिक दुकान नीलामी प्रकिया के भारी विवादों के बावजूद भी आखिरकार परिषद की बैठक में दुकानदार को चाबी देने की दी सहमति पार्षदों ने जताया एतराज

आप सभी को मालूम ही है। कि 23 जून को पत्थलगांव नगरपंचायत ने ब्यवसायिक दुकान की नियम विरुद्ध नीलामी प्रकिया करते हुए काफी कम रुपयों में दुकान की बोली करवा दी जिससे करोड़ो रूपये के राजस्व की नगर पंचायत को नुक्सान हो रहा था आपको बता दे कि यही पे पूर्व में दुकान की बोली पहले 50 लाख रुपये तक की बोली पर दुकान दी गई थी यहां तक कि आदिवासीयो के लिए रखी गई सुरक्षित दुकान भी 14 लाख रुपये की बोली में दिए गए थे तो अब जनरल कटेगरी की दुकान आखिर इतने कम राशी में कैसे दे दी गई जिसके सच अब तक परदे के पीछे ही है।

पर 23 जून को मात्र आठ लाख रुपये की बोली में दुकान देकर इस पूरी ब्यवसायिक दुकान निलामी प्रकिया को नगरपंचायत के फायदे की बात को दरकिनार करते हुए नगरपंचायत की परिषद बैठक में दुकानदार को चाबी देने की सहमति दे दी गई जबकि इससे पहले भारी विवाद होते देखते हुए नगरपंचायत के पीआईसी की बैठक में इस पूरी प्रकिया को निरस्त कर दिया गया था वही महीने भर के बाद ही परिषद की बैठक में इसे पास कर लोगो के बीच में नगरपंचायत के जन प्रतिनिधियों ने अलग राय रख कर इसके अनुमोदन के लिए जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल के पास नोटशीट भेजी गई पर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने पत्थलगांव ब्यवसायिक दुकान का अनुमोदन नही किया फिर भी नगरपंचायत ने खुद को ही सर्वे सर्वा बताते हुए इस ब्यवसायिक दुकान निलामी प्रकिया के रोजाना होते विवादों के बावजूद दुकानदार को चाबी देने की स्वीकृति दे दी शुक्रवार को हुईं परिषद की बैठक में जब इस पुरी प्रकिया का वार्ड 11 के पार्षद सुनिल अग्रवाल ने जम कर विरोध किया उन्होने बैठक में कहा कि जब कलेक्टर सर का अनुमोदन अभी नही हुवा है। तो ऎसी क्या हड़बड़ी है। कि कलेक्टर के आदेश का इंतजार तक नही किया जा रहा है। पर इन बातों को पूरी तरह दरकिनार करते हुए नगर हित से अलग होकर नगरपंचायत को होने वाले लाखों के राजस्व नुक्सान पे अपनी सहमति पार्षदों ने दे दी जिसे शोषल मीडिया तक मे ये कहते देखा गया कि आखिर एसा क्या खिचड़ी पकी हुई है। कि नगरपंचायत को लाखों के राजस्व नुक्सान होने के बाद भी दुकान को काफी कम रुपयों में पहले बोली करवा कर फिर पीआईसी की बैठक में निरस्त कर परिषद की बैठक में पास कर फिर से परिषद की बैठक रख कर दुकानदार को चाभी देने की स्वीकृति दे दी गई।

वहीं वार्ड क्रमांक 3 के पार्षद सुंदर लकड़ा ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करते हुए कहा  वीडियो के जरिये कलेक्टर रितेश अग्रवाल से इस निलामी प्रकिया को निरस्त करने की मांग की थी साथ ही कहा कि नगर पंचायत में हम आम जनता और शहर के विकास के लिए चुन कर आये है। न कि नुक्शान करने के लिए जहां नगर पंचायत के पास समय पर वेतन देने के लिए रुपया नहीं है। शहर के विकास में दूर दूर तक कोई कार्य होते नही दिख रहा वही दुकानों को लाखों रुपए का राजस्व नुकसान करते हुए दे दी जा रही हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लाखों के दुकान कौड़ियों के मोल नीलाम के मामले पर कलेक्टर रितेश अग्रवाल जशपुर को और भी पार्षदों ने इस ब्यवसायिक दुकान निलामी प्रक्रिया को निरस्त करने बात की है।