विद्यार्थियों के लिए हुई तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला सकारात्मक विचार नकारात्मक विचार को समाप्त कर देते हैं-डॉ.तुर्रे..…

 धमतरी ✍️जितेन्द्र गुप्ता

विद्यार्थियों के लिए हुई तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला

सकारात्मक विचार नकारात्मक विचार को समाप्त कर देते हैं-डॉ.तुर्रे

धमतरी 26 अगस्त 2022

लाइवलीहुड कॉलेज में विद्यार्थियों के लिए “तनाव प्रबंधन एवं आत्महत्या रोकथाम” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान होने वाले तनाव और उसका बेहतर प्रबंधन करने के तरीकों के बारे में बताया गया। इसके अतिरिक्त तनाव बढ़ने पर आत्मघाती कदम उठाने से बचने के तरीकों की जानकारी दी गयी।

विद्यार्थियों के लिए आयोजित हुई “तनाव प्रबंधन एवं आत्महत्या रोकथाम” कार्यशाला के बारे में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीके तुर्रे ने बताया : ‘’सकारात्मक विचार नकारात्मक विचार को समाप्त कर देते हैं । जब हम किसी विषय में रुचि नहीं रखते हैं तो उस विषय के प्रति हमारे विचार भी नकारात्मक होने लगते हैं । इसलिए प्रत्येक विषय में रुचि पैदा करने का प्रयास करना चाहिए एवं नकारात्मक विचारों को त्याग देना हितकर है और सकारात्मक सोचने से परिणाम भी सकारात्मक आते हैं ।‘’

आगे उन्होंने कहा: ‘’प्रत्येक व्यक्ति का विचार अलग-अलग होता है लेकिन जब सहमति बनती है तो विचार आपस में मिलने लगते हैं । हमें अपने आसपास अपने दोस्तों और शिक्षकों के बीच सकारात्मक विचारों को बढ़ाना होगा जिसके परिणाम स्वरूप हमें अच्छे परिणाम मिलेंगे और तनाव में कमी आएगी ।‘’

डॉ.रचना पद्मावर ने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बताते हुए कहा, ‘’जीवन एक घड़ी की सुई की तरह है, जहां उतार- चढ़ाव बना रहता है। ऐसे में कई बार जीवन निराशापूर्ण लगने लगता है और उम्मीद की किरण मिटती हुई दिखाई देती है। प्रायः हर व्यक्ति के जीवन में ऐसा समय आता है जब वह जीवन के प्रति उदासीन हो जाता हैं। यह महसूस करना सामान्य है, लेकिन यह सिर्फ तब तक ही सामान्य है जब तक यह विचार आत्मघाती न हो जाएं। इसलिए लोगो मे तनाव प्रबन्धन एवं आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूकता ज़रूरी हो जाती है। तनाव के विभिन्न प्रकार है ।‘’

आगे उन्होंने बताया, “अक्सर लोग अपनी मानसिक बीमारियों को छिपाते हैं और खुलकर उस पर बात नहीं करना चाहते हैं। तनाव की स्थिति जब बढ़ने लगती है, तो शरीर मे दमा, हाइपरटेंशन, स्मृतिलोप, दुर्बलता, सिरदर्द, हृदयरोग जैसी समस्यायें उत्पन्न होने लगती है। अत: किसी भी परिस्थिति में अकेले न रहें। यदि किसी को कुछ समस्या है तो अपने परिवार वालों या करीबियों से बात करे, उन्हें अपनी समस्या बताएं और समस्या का समाधान खोजें। इसके अतिरिक्त अपने दैनिक गतिविधियों में से कुछ समय निकालकर खुद के लिये समय दें, योगाभ्यास करें, खानपान में सुधार करें और पर्याप्त नींद लें। मन में आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचार आने पर पहला कदम मदद मांगना होना चाहिए । मानसिक अस्वस्थता की स्थिति हो तो घबराएं नही, जिला अस्पताल में स्पर्श क्लीनिक के माध्यम से मानसिक रोगियों को निःशुल्क परामर्श व उपचार किया जाता है।‘’

टोल फ्री नम्बर 104  डायल कर मनोवैज्ञानिक सलाह ली जा सकती है।” मानसिक विकारों को काउंसलिंग कर एवं तनाव से बचने के आवश्यक उपायों पर अमल करते हुए दूर किया जा सकता है कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य व उससे जुड़ी समस्याओं के लक्षण एवं उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। साथ ही विद्यार्थियों को विभिन्न एक्टिविटी के माध्यम से तनाव को कम करने के उपाय के बारे में भी बताया गया।

इस मौके पर क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रीति चांडक ने कहा, ‘’विद्यार्थी जीवन एक संघर्ष भरा जीवन होता है विद्यार्थी का जीवन शिक्षा अर्जित करने के लिए होता है हमको अपनी शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपनी मन: स्थिति को भी मजबूत रखनी होती है।  मनो स्थिति अनियंत्रित होने से लोगों में आत्मघाती परिणाम देखने को मिलते हैं आत्महत्या रोकने के लिए हमें लोगों की मन की स्थिति को समझना होगा । जीवन में तनाव का आना-जाना लगा रहता है किन्तु जब यह तनाव बढ़ जाता है तब व्यक्ति के अंदर आत्मघाती विचार आने लगते हैं । ऐसे समय में हम तनाव को कम करके आने वाले आत्मघाती विचारों को रोकने के प्रयास करने चाहिए।

कार्यशाला का आयोजन सिविल सर्जन डॉ.यूएल कौशिक,नोडल अधिकारी डॉ.जेएस खालसा और लाइवलीहुड कॉलेज के प्राचार्य के मार्गदर्शन में किया गया।