कोरबा: शिक्षा विभाग में शिक्षकों के ट्रांसफर का खेल पूरे चरम पर, अनुशंसा के नाम पर रकम की मांग…

कोरबा, साकेत वर्मा…✍

कोरबा। विगत कुछ दिनों पूर्व राज्य कार्यालय द्वारा शिक्षको के स्थानांतरण की प्रक्रिया सरल एवं पारदर्शी बनाए जाने के उद्देश्य से ऑनलाइन आवेदन पत्र मंगाया गया था,इस संबंध में राज्य कार्यालय के निर्देश के अनुक्रम में शिक्षा विभाग में कार्यरत कई शिक्षक एवं शिक्षिकाओं द्वारा स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन किया गया था,परंतु विभाग की कमजोरी एवम लापरवाही की वजह से शिक्षकों को लगातार प्रताड़ित होना पड़ रहा है,वर्तमान में संघ के पास कई शिक्षकों के द्वारा अपनी व्यथा बताई जिस पर शिक्षक संघ ने विभाग की लचर व्यवस्था आड़े हाथों लेते हुए जमकर विरोध करने की बात कही है।

शिक्षको की माने तो विभाग द्वारा ऑनलाइन आवेदन पत्र हेतु किसी भी प्रकार का स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नही किया जाता और अधिकृत व्यक्ति द्वारा प्राचार्यो को पर्याप्त जानकारी भी नही दी जाती। किसी भी शिक्षक को ट्रांसफर संबंधी आवेदन या किसी भी प्रकार की समस्या तथा अनुशंसा हेतु जिला कार्यालय उपस्थित न कराकर जिला कार्यालय से लगभग 5 से 6 किलोमीटर दूर बीआरसी शहरी खरमोरा में गोपनीय तरीके से उपस्थित होने हेतु निर्देशित करना एवं प्रति अनुशंसा पर निर्धारित रकम की मांग की जाती है।वही अनुशंसा के संबंध में शिक्षकों को दिग्भ्रमित किया जाता है कि जिला शिक्षा अधिकारी के अनुशंसा के उपरांत ही शिक्षकों का ट्रांसफर होगा अन्यथा नहीं होगा एवं यह भी स्पष्ट करना कि जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशानुसार उनके मोबाइल पर ओटीपी जाने के बाद ही आप का ट्रांसफर होगा ।यहाँ तक कि समान पात्रता वाले ऐसे आवेदनों को निरस्त कर दिया जा रहा है जो वास्तव में पात्र हैं एवं अपात्र आवेदनों को पात्रता में शामिल किया जा रहा है। विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त कार्य को एक संलग्न शिक्षक के माध्यम से संपन्न कराया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश संयुक्त शिक्षक संघ कभी भी विभागीय कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान नहीं उठाना चाहता परंतु यदि बात शिक्षकों के हित की है तो ऐसी स्थिति में संघ के द्वारा न केवल इस बात का पुरजोर विरोध किया जावेगा बल्कि इस प्रकार के कृत्य की जानकारी उच्च कार्यालय को प्रेषित कर न्याय की गुहार लगाई जाएगी।संघ की माने तो संघ हर स्थिति में गलत कार्य का विरोध करेगा साथ ही शिक्षा विभाग के मुखिया एवं जिला कार्यालय के अन्य अधिकारियों से यह अपेक्षा भी की जाती है कि वह शिक्षक हित में ही कार्य करें।